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क्या हम विकसित हो रहे देश के सभ्य नागरिक हैं?

jara sochiye
jara sochiye
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१.घर को साफ करके कूड़ा सड़क पर डालना अपनी शान समझते हैं. क्योंकि गली की सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका की है.
२.समारोह परिवार का हो या मोहल्ले का शामियाने लगाने के लिय सड़क तोडना या उसमे गड्ढे करना हमारा अधिकार है,क्योंकि सड़क हमारे द्वारा दिए गए टैक्स से ही तो बनती है.
३.विशेष अवसरों पर रौशनी करने के लिय सीधे लाइन से बिजली तो लेनी ही पड़ती है.बिजली विभाग की लम्बी प्रक्रिया से गुजरने के लिय समय किसके पास है.फिर क्यों न लाइन मेन को पैसे देकर आसानी से कम चला लिया जाय.वैसे तो हम घर पर भी बिजली उपयोग के लाइन पर कटिया डाल कर काम चलाना कोई गलत नहीं मानते. आखिर देश हमारा है,बिजली विभाग हमारा है,तो बिजली भी हमारी ही हुई न?
४.यदि हमें विरोध प्रदर्शन करना है,धरना देना,अपनी आवाज सरकार तक पहुंचानी है सरकारी संपत्ति यानि पुब्लिक ट्रांसपोर्ट, और सरकारी इमारतें सबसे अच्छा निशाना हैं.हमारे बाप का क्या जाता है?
५.मोहल्ले में देवी का जागरण करना है, रामायण का पाठ करना है,कावड़ियों की सेवा करनी है या फिर बेटी का व्याह करना है,सड़क जाम करने से हमें कोई परहेज नहीं है.सडक पर दुकान लगाना,कहीं भी गाड़ी को खड़ी कर सड़क को संकरा कर देना हमारी फितरत है.
६.सड़क पर थूकना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है.क्या फर्क पड़ता है,सड़क तो गन्दी ही होती है,यदि थोड़े बहुत कत्थे के लाल निशान पड़ भी जाएँ तो क्या?हम आजाद देश के आजाद नागरिक हैं कहीं भी मूत्र विसर्जन करना हमारा अधिकार है,जब लिखा मिलता है ‘देखो गधा मूत रहा है’तो हमें बहुत बुरा लगता है.
७.बिजली की आवक न होने की स्तिथि में जेनेरटर चलाना हमारी मजबूरी है, उससे बीमार पडोसी को ध्वनी प्रदूषण अथवा वायु प्रदूषण दो चार होना पड़ता है तो क्या कर सकते हैं?
८.पानी की आवक नियमित नहीं होती अतः जब पानी आता है तो हम टोंटी बंद न कर नगर पालिका से बदला लेते हैं.अब ऐसी स्तिथि में सब मर्सिब्ल पम्प न लगवायं तो क्या पानी पीना छोड़ दें.
९अगर हम सम्रिध्शाली हैं और हमारे पास खाने पीने की कोई कमी नहीं है तो कुछ भोजन बचा देना ,फेंक देना हमारी शान का हिस्सा है.हमें इस बात से क्या मतलब की हमारे देश में आज भी करोड़ों लोगों को एक समय का भोजन ही उपलब्ध हो पाता है.
10.बिजली का बिल पूरी ईमानदारी से भरते हैं यदि हम अधिक बिजली उपभोग करते हैं तो कौन सा गुनाह करते हैं.देश बिजली की कमी है.तो हमारी क्या गलती है. .

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