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वर्तमान युग की बदलती जीवन शैली के साथ ही युवक,युवतिओं के मिलने जुलने की स्वतंत्रता भी बढती गयी. साथ साथ पढना ,साथ साथ काम काज करना एक सामान्य बात हो गयी है.किशोर अवस्था में जब शरीर में अनेक बदलाव आ रहे होते हैं,जवानी हिल्लोरे ले रही होती है,किशोरों को प्यार चाहिए होता है उसे भावनात्मक सहारे की आवश्यकता होती है.यदि उसे परिवार से भावनात्मक सहयोग नहीं मिलता या उसे उपेक्षा मिलती है तो उसे अपने सहपाठी या सहकर्मी में मिला अपनापन भा जाता है.यदि मित्र विपरीत लिंगी है,तो आकर्षण उसके अपने पन के अहसास को बढ़ा देता है.और कभी कभी वह उससे इतना असक्त हो जाता है, की उसका दिमाग कम करना बंद कर देता है,और अपने दिल का गुलाम हो जाता है.जो उस अपनी मर्यादाओं को लांघने को मजबूर कर देता है.और समाज के सामने एक विकृति के रूप में आती है.
यह तो निश्चित है आज प्यार सिर्फ मनोरंजन या स्वार्थ का पर्याय बन गया है.आज पुराने ज़माने के लैला-मजनू,शिरी-फरहद की भांति प्यार स्थायी एवं त्याग से भरा नहीं होता.यही कारण है अक्सर देखा जा सकता है,प्रत्येक vellentine day पर नए मित्र के साथ मनाया जाता है. बहुत कम जोड़े ऐसे होते हैं जो प्यार को संवेदना के साथ जोड़ कर देखते हैं,जिनका प्यार स्थायी होता है,जिनका प्यार सच्चा होता है,और जीवन भर साथ निभाने की खायी गयी कसमें पूरी करते हैं, जीवन भर साथ निभाते हैं.
कभी कभी प्यार एक तरफ़ा भी देखा जाता है और वह अपने प्यार को पाने के लिए हिंसा का सहारा लेने से भी नहीं चूकता. प्रेमी अपनी प्रेमिका को अपना न बना पाने की स्तिथि में उस पर तेजाब डाल देता है,या उसका अपहरण कर लेता है. यानि जबरदस्ती प्यार पाना उसका उद्देश्य हो जाता है .इसी प्रकार प्रेमिका अपने प्यार में असफल होने पर आत्महत्या कर लेती है और अपने प्रेमी को कानून के फंदे में फंसा देती है.
यही हैं आधुनिक प्यार के कुछ आधुनिक रूप.
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