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सच्चा प्यार और त्याग “VALENTINE CONTEST ”

jara sochiye
jara sochiye
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मानवता का अस्तित्व प्यार पर ही टिका हुआ है. प्यार न होता तो दुनिया जैसी आज है वैसी न होती. किसी की चाहत या प्यार ही इन्सान को अधिक से अधिक सुख सुविधाएँ जुटाने के लिय प्रेरित करता है.और वह उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है.अपनों का दुःख दर्द, अपनों को सुखी देखने चाह, अपनों को बेहतर जीवन शैली देने के लिए, उसे शोधों अवं अध्ययनों के लिए प्रेरित करता है जो पूरी मानवता की उन्नति का कारण बनता है.
वर्तमान में विकास की तेज रफ़्तार ने मनुष्य को स्वार्थी अवं संवेदनहीन बना दिया है.अब वह प्यार में त्याग की भावना नहीं रखता. हर बार अपने प्यार को अपने लाभ hani की कसौटी पर तोलता है.कहीं माता-पिता अपने प्यार की खाती अपने जिगर के टुकड़े की उन्नति पर अनजाने में ही अवरोध पैदा कर देते हैं,तो कभी भाई अपने सान्निध्य के लिय अपने भाई के सपनों को विराम लगाने की कोशिश करता है.पति पानी पत्नी को ऊंची पोस्ट पर जाते हुए सहन नहीं कर पता.तो कभी पत्नी पाने भौतिक स्वार्थ के लिय पति को पथ भ्रष्ट होने पर मजबूर करती है.इसी प्रकार प्रेमी को अपनी प्रेमिका से उपेक्षा मिलती है तो वह उससे दुश्मनी निकलने और उसका भविष्य ख़राब करने लगता है.
आज प्यार में दिखावा अवं स्वार्थ अधिक है,सच्चा प्यार बहुत कम ही देखने को मिलता है.अब वह चाहे प्यार प्रेमी प्रेमिका का हो ,भाई बहन का हो या बाप बेटे का.शायद सब व्यापारी हो गए हैं सब को प्यार के बदले कुछ चाहिय.
HAPPY VELENTINE DAY TO ALL LOVERS

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