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भ्रष्टाचार बिन सब सून (व्यंग लेख)

jara sochiye
jara sochiye
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पूरा देश श्री अन्ना हजारे जी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरोध में खड़ा हो चुका है.जिससे स्पष्ट है आज देश का प्रत्येक नागरिक भ्रष्टाचार रुपी राक्षस से त्रस्त हो चुका है.आजादी के पश्चात् भ्रष्टाचार को समाप्त करने के अनेक प्रयास हुए,परन्तु सभी प्रयास कागजी शेर साबित हुए. भ्रष्टाचार सुरसा की भांति बढ़ता ही चला गया .आज भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं की भ्रष्टाचार के बिना सोचना भी हास्यास्पद लगता है.हमें कल्पना करना भी मुश्किल लगता है .
यदि हम कल्पना करें की देश के सभी सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार ख़त्म हो चुका है .कैसी स्तिथि होगी सरकारी कार्यालयों की आज प्रत्येक सरकारी कर्मी रुपी इंजन रिश्वत रुपी इंधन से चलता है .परन्तु जब भ्रष्टाचार द्वारा आमदनी का स्रोत समाप्त हो चुका होगा तो सरकारी कर्मी काम ही क्यों करेगा? जब कर्मी की कार्यालय में उपस्थिति दर्ज हो गयी तो उसका वेतन पक्का हो गया .वह काम करे या न करे नौकरी से तो निकाला नहीं जा सकता ,अधिक से अधिक उसका स्थानांतरण किया जा सकता है.उसकी भी उसे चिंता क्यों होगी जब कोई भी पोस्ट मलाईदार होगी ही नहीं. उसे तो वेतन मात्र से काम चलाना है वो तो कहीं भी चला लेगा.ऐसी निष्क्रियता की स्तिथि में आपके सरकारी कार्य कैसे निपट पाएंगे ?भ्रष्टाचार हटाने के पश्चात् यदि हम सरकारी कर्मी की कार्य के प्रति उदासीनता,निष्क्रियता,लापरवाही को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं तो जनता को क्या भुगतना पड़ेगा ? कुछ व्यंगात्मक कल्पनाएँ प्रस्तुत हैं.;

# यदि आपको घर,दुकान,या कारखाने के लिए विद्युत् कनेक्शन लेना है,रिश्वत के अभाव में अगर एक वर्ष में आपका काम हो जाय तो विभाग की बहुत बड़ी मेहरबानी समझिये.
# यदि आपके पास कोई VIP सिफारिश नहीं है और RTO ऑफिस में कोई आपका रिश्तेदार काम नहीं करता .आपको गाड़ी के कागजात पूरे करने के लिए कम से कम छः माह तो लग ही जायेंगे.यदि ड्राइविंग लाइसेंस लेना है तो कोई समय सीमा निर्धारित किया जाना मुश्किल है. गाड़ी के नवीकरण करने के लिए यदि लाइन में चार पांच घंटे लगा कर,और धक्के खाकर, हो जाये तो अपने नसीब को सराहियेगा.
# यदि आप अपनी फेक्टरी या कारखाना लगाने का मन बना रहे हैं,तो आपके कार्य से जुड़े विभागों से अनुमति प्राप्त करने के लिए इस जन्म में उम्मीद करना तो व्यर्थ ही होगा. देश के विकास ओर समृद्धि की बात सोचना तो लोहे चबाने जैसा ही कठिन होगा.
# आपको मकान या दुकान ,प्लाट खरीदने के लिए बैंक से लोन लेने की आवश्यकता है तो निजी बैंक से तो लोन मिल सकेगा,परन्तु सरकारी बैंकों से ही लोन लेना है तो आपकी रिश्तेदारी भी बैंक वालों से होनी चाहिए.अब बताइए बैंक मेनेजर लोन क्यों बांटे पहले लोन दे और फिर उगाही न होने पर विभाग से झाड़ खाय और मिलना कुछ है नहीं. अतः वह तो सुरक्षित कार्य करेगा अर्थात सिर्फ जमा के लक्ष्य को पूरा करने में रूचि लेगा.
# आए कर,सर्विस टैक्स,सेल टैक्स विभाग के नियमों के अनुसार आप अपना टैक्स रिटर्न जमा तो कर देंगे परन्तु अपना रिफंड वापिस लेने ,व्यापार के लिए आवश्यक फार्म चाहिए तो समय पर मिलने की उम्मीद करना बेमानी है. आपके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा.
# बिजली चोरी करने वाले बेचारे परेशान हो जायेंगे उन्हें उपभोग की गयी समस्त विद्युत् का भुगतान जो करना पड़ेगा.बेचारे आर्थिक संकट में आ जायेंगे उनके घर के बजट बिगड़ जायेंगे .कारखाने चलाने वाले तो मार्केट की प्रतिस्पर्द्धा में टिक ही नहीं पाएंगे बेचारों को काम बंद करना पड़ेगा ,आखिर विद्युत् बिल की बचत ही तो उनकी कमाई का साधन बनी हुई थी.
#चोर,डकैत को अपने काम करने की पूरी आजादी होगी,आखिर कोई उसे क्यों पकड़ेगा?(कुछ मिलना तो है नहीं) अगर पकड़ा भी गया तो आराम से जेल की रोटी खायेगा क्योंकि उसे पुलिस को उसका हिस्सा देने की कोई चिंता नहीं होगी.
# क़त्ल जैसे अपराध करना आसान हो जायेगा क्योंकि यदि किसी बफादार पुलिस वाले की भेंट चढ़ गया और पकड़ा गया तो भी उसकी सजा तय होने में ही उसकी जिन्दगी ख़त्म हो जाएगी. अतः फांसी की चिंता क्यों करे?
# चुनाव लड़ने का लिए नेताओं का अभाव दिखेगा आखिर कोई चंद मासिक वेतन के लिए इतने बड़े क्षेत्र की जनता का समर्थन पाने के लिए बेतहाशा परिश्रम क्यों करेगा?बेशुमार धन क्यों खर्च करेगा?
# सरकारी ठेकेदार ठेकेदारी करना छोड़ देंगे, क्योंकि खुली प्रतिस्पर्द्धा में मार्जिन मिलेगा नहीं,घूस के अभाव में हल्का मॉल लगाना संभव नहीं होगा. अपनी पूँजी को ईमानदारी के दल दल के क्यों फँसाएगा?.
# आप अवैध निर्माण कर मनचाही सुविधाएँ नहीं जुटा पाएंगे ,अपने व्यापार के लिए अतिरिक्त प्रयास नहीं कर पाएंगे क्योंकि फिर आपको सरकारी कोप से कौन बचाएगा,और आपका अवैध निर्माण कैसे बचेगा?
#यदि न्यायालय में आपका कोई केस चल रहा है तो यकीन मानिये पैसे के बल पर,सबूत नष्ट कर या गवाहों को फुसला कर केस अपने पक्ष में करा लेने का सपना छोड़ना होगा.

# भ्रष्टाचार का खात्मा,समाचार एजेंसियों,न्यूज़ चेनलों,समाचार पत्रों के लिए मौत का पैगाम लेकर आयेगा. जब घोटाले एवं हेरा फेरी के मामले होंगे ही नहीं, तो वे जनता के समक्ष क्या पेश करेंगे ?उस समय समाचारों का मुख्य स्रोत ही ख़त्म हो जायेगा .
अब जरा सोचिये भ्रष्टाचार के बिना पूरी व्यवस्था पंगु नहीं हो जाएगी?, आखिर देश का विकास कैसे हो पायेगा? सोचना होगा भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान आत्मघाती तो न हो जायेगा? आखिर भ्रष्टाचार के बिन सब सून लगेगा. अतः भ्रष्टाचार को बनाये रखिये इसको हटाने की गलती न करें, अनर्थ हो जायेगा..मेरा प्रस्ताव मानने के लिए धन्यवाद .

*SATYA SHEEL AGRAWAL*

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